श्री केदारनाथ मंदिर एक रहस्य
श्री केदारनाथ मंदिर जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय की गोद में स्थित है।
केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए एक वर्ष में छ: माह के लिए खुलते है।
“श्री केदारनाथ मंदिर” एक रहस्य जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है, कटवां पत्थरों के भूरे रंग के विशाल और मजबूत शिलालेखों से बना हुआ है। श्री केदारनाथ मंदिर 6 फुट ऊँचे चबूतरे पर खड़े 85 फुट ऊँचे, 187 फुट लम्बे, और 80 फुट चौड़ी इसकी दीवार 12 फुट मोटी है। यह आचर्य ही है कि इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर लाकर व तराशकर कैसे मंदिर कि शक्ल दी होगी! पत्थरों को एक-दूसरे पत्थर से जोड़ने के लिए इंटरलॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
केदारनाथ धाम में एक तरफ 22,000 फुट ऊँचा केदार, दूसरी तरफ 21,600 फुट ऊँचा खर्च कुंड और तीसरी तरफ 22,700 फुट ऊँचा भरतकुंड का पहाड़ है | इसके अलावा पांच नदियों का संगम भी यही पर है :- यह पांच नदियां मन्दाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी नदियां है। इन पांचों नदियों में से अलकनंदा की सहायक नदी मन्दाकिनी नदी जिसके किनारे केदारनाथ धाम स्थित है।
यहाँ सर्दियों में भारी बर्फ़बारी तथा बारिश के मौसम में जबरदस्त पानी आता है। दीपावली महापर्व के दूसरे दिन से शीतऋतु में केदारनाथ धाम के कपाट 6 माह के लिए बंद कर दिए जाते है। 6 माह बाद मई के महीने में मंदिर के कपाट पुनः खोल दिए जाते है। तब पुनः उत्तराखंड की यात्रा आरम्भ होती है। 6 महीने तक मंदिर के आस-पास कोई नहीं रहता क्योंकि वहां बहुत बर्फ़बारी होती है।
यह भी पढ़ें – भूतेश्वरनाथ शिवलिंग (एक रहस्य)
!! दीपक का 6 माह तक अखंड चलना !!
आचर्य की बात यह है की श्री केदारनाथ मंदिर 6 माह बंद रहने के बावजूद भी मंदिर में अखंड दीपक जलता रहता है और निरंतर पूजा होती रहती है। और जब छः माह बाद मंदिर के कपाट पुनः खोले जाते है तो आचर्य होता है की वैसी की वैसी स्थिति में मंदिर की साफ-सफाई मिलती है।
यह भी पढ़ें – भगवान शिव