भगवान गणेश: पौराणिक कथाओं के आदर्श पुत्र
भगवान गणेश: पौराणिक कथाओं के आदर्श पुत्र है भारतीय संस्कृति में गणपति जी का विशेष महत्व है। वे विद्या के पत्रक हैं, तथा विघ्नहर्ता के रूप में जाने जाते है। जिनका आशीर्वाद सभी कार्यों को साधने में मदद करता है। इसके अलावा गजानंद जी की कहानी और महत्वपूर्ण श्रृंगारिक विशेषताओं वर्णन इस लेख के माध्यम से जानिए।
गणेश जी का विशेष स्वरूप भारतीय संस्कृति में अद्वितीय है। उनके शरीर का एक हाथ हाथी के समान होता है, जिसका अर्थ है कि वे बड़े गुणों के साथ सम्पन्न हैं। गणपति जी के दो बड़े कान विचारशीलता का प्रतीक हैं। और विनायक के विशाल मुख का अर्थ है कि वे सभी कठिनाइयों को अपनी दिव्य शक्तियों से हल करते हैं।
गणेश जी का वाहन मूषक होता है: जो कि हमारे मन की छोटी बड़ी विचार वृत्तियों का प्रतीक होता है। यह दिखाता है कि विनायक जी हमारे मन को अपने नियंत्रण में रखने में सक्षम हैं। और हमारे मानसिक स्थिति को शांति और स्थिरता की और पहुँचाते हैं। अतः गणपति जी का वाहन भी सामान रूप से महत्वपूर्ण है।
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