स्ट्रोक के लक्षण-हाथ पैर सुन होना
स्ट्रोक के लक्षण-हाथ पैर सुन होना होता है- हॉवर्ड मेडिकल स्कूल, अमेरिका की और से हल ही में एक सूची जारी की गयी है। जिसमे 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में होने वाली 10 प्रमुख बिमारियों की सूची जारी की गयी है। जिसमे मुख्य रूप से ब्रेन स्ट्रोक भी है। 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे भी मनाया जाता है। बाकी दिनों की तुलना में सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक क्या है ?
यह इमरजेंसी की स्थिति है और यह तब होता है जब दिमाग तक ब्लड पहुंचाने वाली नसों में रुकावट आती है। खून की नलियों में क्लॉटिंग या नसें फट जाती है। इसे लकवा भी कहा जा सकता है। अथार्त ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद मरीज को बोलने व समझने में दिक्कत होती है। शरीर के एक तरफ के चेहरे से लेकर पैरों तक अचानक सूनापन या कमजोरी महसूस होती है, धुंधला, काला या फिर दो-दो आकृतियां दिखना। उल्टी, चक्कर या बेहोशी भी हो सकती है। ऐसा होने पर तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरो सर्जन को दिखाना चाहिए।
स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर शुरूआती साढ़े चार घंटे के अंदर अगर ईलाज शुरू हो जाये तो बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। अन्यथा इसके ईलाज में देरी या लापरवाही करने पर मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिए जल्द से जल्द मरीज के क्लॉट को ख़त्म करने की दवा दी जाती है। इस दवा से रिकवरी जल्दी होती है |
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स्ट्रोक का खतरा महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा बहुत कम होता है।
ब्रेन स्ट्रोक रोकने के उपाय
स्ट्रोक की बीमारी को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव कर बचाव किया जा सकता है। पहले यह बीमारी बुजुर्गों में अधिक होती थी, लेकिन धीरे-धीरे वर्तमान में यह बीमारी युवाओं में भी हो रही है। सर्दियों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या अधिक होती है।
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रिफाइंड ऑयल, चीनी, नमक, फ़्राईड फ़ूड ज्यादा खाने से और नशा करने वालों में ज्यादा रहता है। अतः इसके बचाव के लिए सर्दियों में धूप निकलने के बाद ही टहलने जाए, नियमित व्यायाम करने और दौड़ने से स्ट्रोक का खतरा 40 प्रतिशत तक घटता है। डायबिटीज, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल या हार्ट डिजीज के रोगियों में इसका खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए इस तरह के रोगियों को अवश्य ही नियमित रूप से व्यायाम और घूप खिलने के बाद दौड़ना चाइए।
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बस वही विशेष है !!
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